ऐ सोच कर दूर कर दिया तुझे खुद से,
की तेरी खुसी मुझसे दूर रहने में ही है
हमारा रिश्ता टुटा,
कही न कही गलती मेरी भी है!!!




मुझसे पहले तुम्हे मेरी आरज़ू हुई थी,
हमे थो प्यार नाम से ही नफरत से थी,
आरज़ू तुम्हे अब किसी और की हो गयी,
नफरत हमारी कायम ही रह गयी ...



अपनी नज़रो से देखा उसे बेवफा होते हुए ...
पूछा जो हमने उससे तो कह  दिया ...
जिस रिश्ते में भरोसा नहीं उसमे हम क्यों रहे!!!