​दर्द से अब हम खेलना सीख गए;​ ​
हम बेवफाई के साथ जीना सीख गए;​ ​
क्या बताएं किस कदर दिल टूटा है हमारा​;​ ​
मौत से पहले, कफ़न ​ओढ़ कर सोना सीख गए।


किसी के दिल का दर्द किसने देखा है;
देखा है, तो सिर्फ चेहरा देखा है;
दर्द तो तन्हाई मे होता है;
लेकिन तन्हाइयो मे लोगों ने हमे हँसते हुए देखा है!  


इश्क़ का तेरी एक यही तो सिला हे,
याद तुझे करके मेरा दिल भी जला हे,
तेरी यादो को हम कैसे भुला दे,
सब कुछ हारकर एक यही तो मिला हे!   


जिनकी हसरत थी उनका प्यार ना मिला,
जिनका बरसो इंतेज़ार किया उनका साथ ना मिला,
अजीब खेल होते हे ये मोहब्बत के,
 किसी को हम ना मिले और कोई हमे ना मिला!  


जब भी करीब आता हूँ बताने के लिए ;
जिंदगी दूर रखती हैं सताने के लिये!
महफ़िलों की शान न समझना मुझे;
मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये!  


इश्क़ का तेरी एक यही तो सिला हे,
याद तुझे करके मेरा दिल भी जला हे,
तेरी यादो को हम कैसे भुला दे,
सब कुछ हारकर एक यही तो मिला हे.  


क्या मजबूरी हे उनकी,
जो हम से इतना दूर रहते है,
हम उनको बहुत चहाते है,
पर वो हम से क्यो नही कहते है,
क्यो हम से इतना दूर-दूर रहते है!  


ज़िंदगी से वफ़ा हमने भी की हैं बहोत
पर गमों के सिवा और कुछ मिला भी तो नही,
एक तुझको पाकर बहुत खुश था मैं ,
पर साथ तेरा मंज़िल तक मिला भी तो नही    


अपनी ज़िंदगी से कुछ पल दे दे मुझे,
आज ना सही तू अपना कल दे दे मुझे,
खुशी दे या ना दे मर्ज़ी तेरी,
अपना दुख और दर्द तू चल दे दे मुझे!


इस दिल की ख्वाहिश को नाम क्या दू,
मोहब्बत का उनको पैगाम क्या दू,
इस दिल मे दर्द नही यादे हे उनकी,
अगर यादे मूज़े दर्द दे तो इल्ज़ाम क्या दू! 


 ना करो किसी से मोहब्बत ज़िंदगी मे इतनी, 
मोहब्बत का दर्द कभी सेह नही पाओगे ,
जब टूटेगा दिल कभी अपने किसी के हाथो से,
किसने तोडा ये दिल ये भी किसी से कह नही पाओगे !  


वो बहोत रोई और कहती रही के नफ़रत हे तुमसे,
लेकिन एक सवाल आभी भी दर्द बनकर बना हे,
के अगर मुजसे नफ़रत ही थी,
तो वो इतना रोई क्यू?  


मोहब्बत का सफर ये मेरा आख़िरी है,
ये कागज, कलम ये गजल आख़िरी है ,
मैं फिर ना मिलूंगी कहीं,
ढूंढ लेना तेरे दर्द का इलाज कही और से,
सफर ये मेरा आख़िरी है  !!